Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -30-Jul-2022 साजन की याद

 रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक- साजन की याद
विषय- चांद

आज है पूर्णमासी की रात,
चांद चांदनी से हुआ प्यार का इजहार,
देख दोनों का बेपनाह प्यार,
याद आया सनम तेरा पहला प्यार,
जब तूने किया था मुझे इजहार,
दिल दे बैठे थे उस रात,
बहुत आती है तेरी याद।

जब छुप जाता है बादल में चांद,
ऐसा लगता है जैसे छुप गया हमारा चांद,
जब निकलते हैं बादल की ओट से,
लगता है जैसे शर्मिला मुखड़ा हो,
देख मुखड़े का नूर,
बहुत लगती हो खूब।

बिखर रही थी अश्वेत कणिकाएं,
लगा जैसे तेरे चेहरे की वह खिलखिलाहट,
लग रही थी जैसे मेरे दिल की हो मल्लिका,
चारों तरफ चमचमा उठा तेरा चेहरा
तेरे प्यार का हो रहा था हम पर बसेरा।

मन में हो उठती हैं तेरी आहट,
अब यह विरह नहीं सहा जाता जानम,
कर रहे हैं उस पल को याद,
जब किया तुमने हमें पहली बार इजहार,
चांद की चांदनी जैसा था हमारा दीदार,
हमारी रूह को छू गया था तुम्हारा प्यार।

जल्दी आओ आ गई है सावन की बहार,
कर रहे हैं तुम्हारा इंतजार,
चित चितोर कर रहे हैं मन के द्वार,
कब आएगी साजन तेरी आहट,
जबान पर हैं बस तेरा ही नाम।

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16 Comments

Mithi . S

01-Aug-2022 05:00 PM

Nice 👍

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Shnaya

01-Aug-2022 08:49 AM

शानदार

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Milind salve

01-Aug-2022 01:43 AM

बहुत खूब

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